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Satya ke Prayog athava Atamkatha

By Gandhi, Mohandas, Karmachand

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Book Id: WPLBN0100301849
Format Type: PDF eBook:
File Size: 4.62 MB
Reproduction Date: 3/31/2019

Title: Satya ke Prayog athava Atamkatha  
Author: Gandhi, Mohandas, Karmachand
Volume:
Language: Hindi
Subject: Non Fiction, Bibliography, Gandhi, philosophy, Spirituality, Autobiography
Collections: Biographies, Authors Community, Favorites in India
Historic
Publication Date:
2019
Publisher: Hindikosh.in
Member Page: Sanjay Acharya

Citation

APA MLA Chicago

Karmachand Gandhi, B. M. (2019). Satya ke Prayog athava Atamkatha. Retrieved from http://www.self.gutenberg.org/


Description
This is a Hindi translation of M.K. Gandhi's autobiography by Kashinath Trivedi. This edition is created and maintained by Sanjayacharya (www.sanjayacharya.com)

Summary
The Story of My Experiments with Truth is the autobiography of Mohandas K. Gandhi, covering his life from early childhood through to 1921. It was written in weekly instalments and published in his journal Navjivan from 1925 to 1929. Its English translation also appeared in installments in his other journal Young India.[1] It was initiated at the insistence of Swami Anand and other close co-workers of Gandhi, who encouraged him to explain the background of his public campaigns. In 1999, the book was designated as one of the "100 Best Books of the 20th Century" by a committee of global spiritual and religious authorities. From: Wikipedia.org

Excerpt
प्रिटोरिया जाते हुए ... इस बीच एक यात्री आया। उसने मेरी तरफ देखा। मुझे भिन्न वर्ण का पाकर वह परेशान हुआ, बाहर निकला और एक-दो अफसरो को लेकर आया। किसी ने मुझे कुछ न कहा। आखिर एक अफसर आया। उसने कहा, 'इधर आओ। तुम्हें आखिरी डिब्बे में जाना हैं।' मैने कहा, 'मेरे पास पहले दर्जे का टिकट हैं।' उसने जबाव दिया, 'इसकी कोई बात नहीँ। मैं तुम्हें कहता हूँ कि तुम्हे आखिरी डिब्बे जाना हैं।' 'मैं कहता हूँ कि मुझे इस डिब्बें में डरबन से बैठाया गया हैं और इसी में जाने का इरादा रखता हूँ।' अफसर ने कहा, 'यह नही हो सकता, तुम्हे उतरना पडेगा, और न उतरे तो सिपाही उतारेगा।' मैंने कहा, 'तो फिर सिपाही भले उतारे मैं खुद तो नहीं उतरूँगा।' सिपाही आया। उसने मेरा हाथ पकडा और मुझे धक्का देकर नीचे उतर दिया।

Table of Contents
पहला भाग ।। जन्म ।। बचपन ।। बाल-विवाह ।। पतित्व ।। हाईस्कूल में ।। दुःखद प्रसंग - 1 ।। दुःखद प्रसंग - 2 ।। चोरी और प्रायश्‍चित ।। पिताजी की मृत्यु और मेरी दोहरी शरम ।। धर्म की झाँकी ।। विलायत की तैयारी ।। जाति से बाहर ।। आखिर विलायत पहुँचा ।। मेरी पसंद ।। 'सभ्य' पोशाक में ।। फेरफार ।। खुराक के प्रयोग ।। लज्जाशीलता मेरी ढाल ।। असत्यरुपी विष ।। धर्मों का परिचय ।। 'निर्बल के बलराम' ।। नारायण हेमचन्द्र ।। महाप्रदर्शनी ।। बारिस्टर तो बने -- लेकिन आगे क्या? ।। मेरी परेशानी ।। दूसरा भाग ।। रायचंदभाई ।। संसार प्रवेश ।। पहला मुकदमा ।। पहला आघात ।। दक्षिण अफ्रीका की तैयारी ।। नेटाल पहुँचा ।। अनुभवों की बानगी ।। प्रिटोरिया जाते हुए ।। अधिक परेशानी ।। प्रिटोरिया मे पहला दिन ।। ईसाईयो से संपर्क ।। हिन्दुस्तानियों से परिचय ।। कुलीपन का अनुभव ।। मुकदमे की तैयारी ।। धार्मिक मंथन ।। को जाने कल की? ।। नेटाल मे बस गया ।। रंग-भेद ।। नेटाल इंडियन कांग्रेस ।। बालासुन्दरम् ।। तीन पौंड का कर ।। धर्म निरीक्षण ।। घर की व्यवस्था ।। देश की ओर ।। हिन्दुस्तान में ।। राजनिष्‍ठा और शुश्रूषा ।। बम्बई में सभा ।। पूना में ।। 'जल्दी लौटिये' ।। तीसरा भाग ।। तूफान की आगही ।। तूफान ।। कसौटी ।। शान्ति ।। बच्चों की शिक्षा ।। सेवा-वृति ।। ब्रह्मचर्य -1 ।। ब्रह्मचर्य -2 ।। सादगी ।। बोअर-युद्ध ।। सफाई-आन्दोलन और अकाल-कोष ।। देश-गमन ।। देश में ।। क्लर्क और बैरा ।। कांग्रेस में ।। लार्ड कर्जन का दरबार ।। गोखले के साथ एक महीना -1 ।। गोखले के साथ एक महीना -2 ।। गोखले के साथ एक महीना -3 ।। काशी में ।। बम्बई मे स्थिर हुआ? ।। धर्म-संकट ।। फिर दक्षिण अफ्रीका में ।। चौथा भाग ।। किया-कराया चौपट ।। एशियाई विभाग की नवाबशाही ।। कड़वा घूंट पिया ।। बढ़ती हुई त्यागवृति ।। निरीक्षण की परिणाम ।। निरामिषाहार के लिए बलिदान ।। मिट्टी और पानी के प्रयोग ।। एक सावधानी ।। बलवान से भिंडन्त ।। एक पुण्यस्मरण और प्रायश्‍चित ।। अंग्रेजों का गाढ़ परिचय ।। अंग्रेजों से परिचय ।। 'इंडियन ओपीनियन' ।। 'कुली लोकेशन' अर्थात् भंगी बस्ती? ।। महामारी - 1 ।। महामारी - 2 ।। लोकेशन की होली ।। एक पुस्तक का चमत्कारी प्रभाव ।। फीनिक्स की स्थापना ।। पहली रात ।। पोलाक कूद पड़े ।। 'जाको राखे साइयाँ' ।। घर मे परिवर्तन और बालशिक्षा ।। 'जुलू-विद्रोह' ।। हृदय-मन्थन ।। सत्याग्रह की उत्पत्ति ।। आहार के अधिक प्रयोग ।। पत्‍नी की ढृढ़ता ।। घर में सत्याग्रह ।। संयम को ओर ।। उपवास ।। शिक्षक के रूप में ।। अक्षर-ज्ञान ।। आत्मिक शिक्षा ।। भले-बुरे का मिश्रण ।। प्रायश्चित-रूप उपवास ।। गोखले से मिलने ।। लड़ाई में हिस्सा ।। धर्म की समस्या ।। छोटा-सा सत्याग्रह ।। गोखले की उदारता ।। दर्द के लिए क्या किया? ।। रवानगी ।। वकालत के कुछ संस्मरण ।। चालाकी? ।। मुवक्किल साथी बन गये ।। मुवक्किल जेल से कैसे बचा? ।। पाँचवाँ भाग ।। पहला अनुभव ।। गोखले के साथ पूना में ।। क्या वह धमकी थी? ।। शांतिनिकेतन ।। तीसरे दर्जे की विडम्बना ।। मेरा प्रयत्‍न ।। कुम्भमेला ।। लछमन झूला ।। आश्रम की स्थापना ।। कसौटी पर चढ़े ।। गिरमिट की प्रथा ।। नील का दाग ।। बिहारी सरलता ।। अहिंसा देवी का साक्षात्कार? ।। मुकदमा वापस लिया गया ।। कार्य-पद्धति ।। साथी ।। ग्राम-प्रवेश ।। उजला पहलू ।। मजदूरों के सम्पर्क में ।। आश्रम की झाँकी ।। उपवास ।। खेड़ा-सत्याग्रह ।। 'प्याजचोर' ।। खेड़ा की लड़ाई का अन्त ।। एकता की रट ।। रंगरुटो की भरती ।। मृत्यु-शय्या पर ।। रौलट-एक्ट और मेरा धर्म-संकट ।। वह अदभुत दृश्य! ।। वह सप्‍ताह! - 1 ।। वह सप्‍ताह! - 2 ।। 'पहाड़-जैसी भूल' ।। 'नवजीवन' और 'यंग इंडिया' ।। पंजाब में ।। खिलाफत के बदले गोरक्षा? ।। अमृतसर की कांग्रेस ।। कांग्रेस में प्रवेश ।। खादी का जन्म ।। चरखा मिला! ।। एक संवाद ।। असहयोग का प्रवाह ।। नागपुर में ।। पूर्णाहुति ।।

 
 



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